Saturday 27 August 2016

कोई आज पहली बार मिला

" है दिल में प्यार ज़ुबाँ चुप झुकी झुकी नज़रें
अजब अदा से कोई आज पहली बार मिला,
किसी को पा के मेरे दिल का हाल मत पूछो
कि जैसे सारे ज़माने पे इख़्तियार मिला,
किसी ने पूरे किये आज प्यार के वादे
मेरी वफ़ा का सिला मुझ को शानदार मिला,
मैं ख़ुशनसीब हूँ मुझ को किसी का प्यार मिला
बड़ा हसीन मेरे दिल का राज़दार मिला,
मेरे चमन का हर एक फूल मुस्कुराने प्यलगा
वो क्या मिले मुझे मौसम-ए-बहार मिला."

कभी हम न थे कभी तुम न थे

"कभी हम न थे कभी तुम न थे,
ये जिंदगी के लम्हे यूं ही तनहा थे,
बहुत गुजारा पर ये शाम न गुजरी,
कितने फासले तेरे मेरे दरमियां थे,
था पास ही तु दूर न था,
पर खामोशियों के दायरे बेशुमार थे,
चाहा के भी न निकले कुछ लफ्ज़ जुबां से,
क्यों इतने फासले तेरे मेरे दरमियां थे,
हां यह सच है कि जिंदगी तुमही हो
पर यह मेरी जुबान पर कहां थे.."

अजनबी के नाम से भी बन संवर कर देखिये

"अजनबी के नाम से भी बन संवर कर देखिये
टूटकर उसकी मुहब्बत में बिखर कर देखिये,
भूल जाएंगे हरिक मंजिल अदू की आप भी
दोस्ती की राह से इक़ दिन गुज़र कर देखिये,
आएगा बेहद मज़ा जीने का भी लेकिन कभी
ज़िन्दगी में आप रंज-ओ-ग़म तो भर कर देखिये,
ग़र समझना है सियासत की जुबाँ शाबान तो
आप वादे से कभी अपने मुकर कर देखिये"

घर

"जो घर हौसले से बनाये जाते हैं उसे "हाऊस" कहते है,
जिन घरों में होम-हवन होते हैं उन्हें "होम" कहते है,
जिन घरों में हवा ज्यादा चलती है उन्हें "हवेली" कहते हैं,
जिन घरों में दीवारों के भी कान होते हैं उन्हें "मकान" कहते हैं,
जिन घरों के लोन के इंस्टॉलमेंट भरते-भरते आदमी लेट जाता है उन्हें "फ्लैट" कहते हैं,
और जिन घरों में यह भी न पता हो कि *बगल* के घर में कौन रहता है उन्हें *बंगला* कहते हैं"

Thursday 25 August 2016

Jai shri Krishna

कृष्ण उठत, कृष्ण चलत, कृष्ण शाम-भोर है।
कृष्ण बुद्धि, कृष्ण चित्त,कृष्ण मन विभोर है॥
कृष्ण रात्रि,कृष्ण दिवस,कृष्ण स्वप्न-शयन है।
कृष्ण काल,कृष्ण कला,कृष्ण मास-अयन है॥
कृष्ण शब्द, कृष्ण अर्थ, कृष्ण ही परमार्थ है।
कृष्ण कर्म, कृष्ण भाग्य, कृष्ण ही पुरुषार्थ है॥
कृष्ण स्नेह, कृष्ण राग, कृष्ण ही अनुराग है।
कृष्ण कली, कृष्ण कुसुम, कृष्ण ही पराग है॥
कृष्ण स्वर्ग, कृष्ण मोक्ष, कृष्ण परम साध्य है।
कृष्ण जीव,कृष्ण ब्रह्म, कृष्ण ही आराध्य है॥

Sunday 21 August 2016

कोई आज पहली बार मिला

"है दिल में प्यार ज़ुबाँ चुप झुकी झुकी नज़रें
अजब अदा से कोई आज पहली बार मिला,
किसी को पाके मेरे दिल का हाल मत पूछो
कि जैसे सारे ज़माने पे इख़्तियार मिला,
किसी ने पूरे किये आज प्यार के वादे
मेरी वफ़ा का सिला मुझ को शानदार मिला,
मैं ख़ुशनसीब हूँ मुझ को किसी का प्यार मिला
बड़ा हसीन मेरे दिल का राज़दार मिला,
मेरे चमन का हर एक फूल मुस्कुराने प्यलगा
वो क्या मिले मुझे मौसम-ए-बहार मिला."