Tuesday, 22 March 2016

हैप्पी होली. . . .

प्यार के रंग से भर पिचकारी,
स्नेह के रंग से रंग दो दुनिया सारी,
ये रंग ना जाने कोई जात ना कोई बोली,
आपको हमारी तरफ से हैप्पी होली.
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हर रंग आप पे बरसे,
हर कोई आपसे होली खेलने को तरसे,
रंग दे आप को सब इतना,
की आप रंग छुड़ाने को तरसे.
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परियों के रंग दमकते हो,
खुशियों के जाम छलकते हो,
महबूब नसे में चहकते  हो,
तब देखो बहारे इन होली की,
जब फाल्गुन में रंग झमकते हो.
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होली आज मनाना है,
तुमको रंग लगाना है,
प्रतिकार करो या इंकार करो,
पर रंगों को स्वीकार करो,
रंगों से तुम्हे नेह्लाना है.
होली आज मनाना है.
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होली के रंगों की मेहक ही अलग होती है,
कुछ रिश्तों की बात ही अलग होती है,
कुछ यूँ सजा है होली का ये त्यौहार,
अपनों की भेजी हुई सौगात अलग होती है.
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