" किसी आँख में नहीं अश्के ग़म तेरे बाद कुछ भी नहीं है कम,
तुझे ज़िन्दगी ने भुला दिया तू भी मुस्कुरा उसे भूल जा.
मैं तो गुम था तेरे हीं ध्यान में, तेरी आस तेरे गुमान में,
शबा कह गयी मेरे कान में मेरे साथ आ उसे भूल जा.
वो तेरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गयी,
दिले बेखबर मेरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जा.
कहाँ आके रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा,
जो मिल गया उसे याद रख जो नहीं मिला उसे भूल जा."
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