Thursday, 28 February 2013

दोस्ती शायद ज़िंदगी होती है

दोस्ती शायद ज़िंदगी होती है
जो हर दिल में बसी होती है
वैसे तो जी लेते है सभी अकेले मगर,
फिर भी ज़रूरत इनकी हैर किसी को होती है

तन्हा हो कभी तो मुझको ढुँदना
दुनिया से नही अपने दिल से पूछना,
आस पास ही कही बसे रहते है
यादों से नही साथ गुज़रे लम्हो से पूछना..!!

ख़वाईश ही नही अल्फ़ाज़ की,
चाहत को तो ज़रूरत है बस एहसास की,
पास होते तो मंज़र ही क्या होता,
दूर से ख़बर है हुमए आपकी हर साँस की..!!

दिल जीत ले वो जिगर हम भी रखते है
कतल कर दे वो नज़र हम भी रखते है
आपसे वादा है हुमारा हमेशा मुस्कराने का,
वरना आँखो में समुंदर हम भी रखते है

प्यार आ जाता है आँखों में रोने से पहले,
हर ख़वाब टूट जाता है सोने से पहले,
इश्क़ है गुनाह एह तो समझ गाये
काश कोई रोक लेता एह गुनाह होने से पहले..!!

पलकों से उठा के ये ख़वाब,
सजाए है क़दमों में तेरे,
संभाल के रखना क़दम,
कही कुचल ना जाए ख़वाब ये मेरे..!

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